एक दृष्टिकोण
अब तक बहा समय
शायद बहुत नही काफ़ी,
साथ बहा मैं
शायद बहुत नही पर काफ़ी.
एक छोटा सा शब्द
जो जितना जटिल उतना सरल भी है
कोई परिभाषा
कोई कुंजी नहीं.
इस श्रुस्ती के हमारे सूश्मतम जीवन मे
एक अंतकाल सा लगता हैं समझने मे.
सबका अपना दृष्टिकोण है बस,
एक मेरा भी है.
बतला नहीं सकता,
सिर्फ़ जतला सकता हूँ
अगर समझ सको तो स्वीकार लो.
WRITTEN :02 Mar 15
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