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Thursday, 10 August 2023

चार दुकान की सड़क पर

 

15 AUG 18

 


चार दुकान की सड़क पर

 

चार दुकान की सड़क पर

हमारे पुणय मिलन पर

आज चौथी वर्षगाँठ पर

पूर्ण हुई एक अभिलाषा,

तुम्हारे साथ एकान्त में चलना

इस चार दुकान की सड़क पर |


अब मन करता है

कि तुम्हारे साथ साथ

पूरी जिंदगी यूँही चलूँ

जैसे हम चले

इस चार दुकान की सड़क पर I


ना तुम कुछ कहो

मैं कुछ बोलूं

फिर भी हम एक

दूसरे को समझे  और

अपनाये जैसे हम चले

इस चार दुकान की सड़क पर I


हिमालय से आती

देवदार वृक्षों को छूती

पहाड़ी ठंडी हवा हमारे

अंतर्मन को यकायक छूकर

हमें और करीब लाये

जैसे हम चले

इस चार दुकान की सड़क पर  

कहीं पढ़ा था

कि एकान्त में इन्सान

अपने आप को पाता है

इस मधुमय जीवन की

चिल्ल पौ में

हम अपने एकान्त को पाये और  एकान्त

में अपने आप को और पाये

और जिन्हे हम पाये उनका

भी पुण्य मिलन हो

जैसे हम चले

इस चार दुकान की सड़क पर  I


मैं  भी एक लालची मुनष्य हूँ

एक हुई पूरी और एक नयी अभिलाषा जागी

अब चलो सभी बर्षगांठ पर

तुम मेरे हाथों में हाथ डाल

मेरे साथ ही चलो

जैसे हम हमेशा चले 

इस चार दुकान की सड़क पर I

 


WRITTEN :15 Aug18


 

 

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