अगर मैं शायर होता तो शेर कहता ! अगर कवि होता तो कविता लिखता अगर होता गायक तो गाता गाने प्यार के पर मैं यह कुछ भी नहीं, मैं तो कुछ भी नहीं, फिर भी तेरे प्यार में शेर भी कहे,लिखी कवितायें और गाये गाने प्यार के मैं तो एक साधारण,अदना और निर्धन इन्सान जो करता हूँ अर्पण उसे स्वीकार लो |
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