कभी पाके तुझको खोना
कभी खो के तुझको पाना
ये तेरे मेरे रिश्ते
की अजीब दास्तान है !
उस राह पर, जहाँ हम कभी
साथ साथ चले
लोग मुझे रोक - रोक पूछे
ये तो बता जा
की तेरा हमसफर कहाँ है !
WRITTEN :2007 , PP is partially plagiarised , which I realised many years later
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